उत्तराखंड

लोकसभा में उठा पर्वतीय पर्यटन विकास का मुद्दा: केंद्र ने योजनाओं और बजट का किया खुलासा

उत्तराखंड।

पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री व नैनीताल उधम सिंह नगर संसदीय क्षेत्र से सांसद अजय भट्ट ने लोकसभा के शीतकालीन सत्र में पर्यटन मंत्रालय से पर्वतीय पर्यटन सर्किट के विकास के लिए जारी योजनाओं और अब तक आवंटित धनराशि की जानकारी को लेकर अतारांकिक प्रश्न पूछा।

जिसके जवाब में केंद्रीय पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने जवाब दिया कि पर्यटन विकास सर्किट को लेकर पर्वतीय राज्यों में स्वदेश दर्शन योजना के साथ ही 76 परियोजनाओं को मंजूरी दी गई थी इसके अलावा स्वदेश दर्शन 2.0 और तीर्थ स्थल कायाकल्प एवं आध्यात्मिक विरासत संवर्धन अभियान प्रसाद योजना को मंजूरी दी गई थी।

इसके अलावा, भारत सरकार ने वित्तीय वर्ष 2024-25 में देश में ‘पूंजी निवेश के लिए राज्यों को विशेष सहायता वैश्विक स्तर पर प्रतिष्ठित पर्यटन केंद्रों का विकास’ योजना के तहत 23 राज्यों में 3295.76 करोड़ रुपये 40 की परियोजनाओं को मंजूरी दी है। इसका प्रमुख उ‌द्देश्य देश में प्रतिष्ठित पर्यटक केंद्रों को व्यापक रूप से विकसित करना, उनकी वैश्विक स्तर पर ब्रांडिंग और विपणन करना है। मंत्रालय द्वारा विविध योजनाओं के तहत स्वीकृत विभिन्न परियोजनाएं भी पर्वतीय क्षेत्रों में आती हैं।

उत्तराखंड सहित देश के विभिन्न राज्यों/संघ राज्यक्षेत्रों में एसडी, एसडी 2.0, प्रशाद, सीबीडीडी और एसएएससीआई के तहत स्वीकृत परियोजनाओं का बजट इस प्रकार रहा।

उत्तराखंड में केंद्रीय योजना के तहत पर्यटन क्षेत्र में वर्ष 2015-16 में केदारनाथ का एकीकृत विकास हेतु 34.77 करोड़ जारी किए गए हैं उत्तराखंड में बद्रीनाथ धाम में तीर्थ यात्रा सुविधा के लिए अवसर रचना का विकास हेतु 2018-19 में 56.15 करोड़ स्वीकृत हुए जिसमें से 38.38 करोड़ जारी हो गया है।

इसके अलावा वर्ष 2021-22 में गंगोत्री और यमुनोत्री धाम में तीर्थ यात्रा अवसर रचना सुविधाओं के लिए 54.36 करोड़ में से 10.5 करोड रुपए जारी किए गए हैं और वर्ष 2024- 25 में ऋषिकेश में राफ्टिंग बेस स्टेशन के लिए 100 करोड रुपए में से 66 करोड रुपए स्वीकृत किए गए हैं और वर्ष 2023- 24 में चंपावत में टी गार्डन एक्सपीरियंस के लिए 19.89 करोड़ में से 1.99 करोड़ जारी किए गए हैं।

इसी प्रकार वर्ष 2023- 24 में पिथौरागढ़ में गूंजी में ग्रामीण पर्यटन क्लस्टर एक्सपीरियंस के लिए 17.86 करोड़ में से 1.79 करोड़ जारी किए गए हैं इसी तरह वर्ष 2024- 25 में माणा हट परियोजना वाइब्रेट विलेज प्रोग्राम के तहत 4.99 करोड़ में से 0.50 करोड़ जारी किए गए हैं इसी प्रकार कैंची धाम परिसर के विकास के लिए 17.5 करोड़ में से 1.76 करोड रुपए जारी किए गए हैं।

इसी प्रकार जांदूंग उत्सव मैदान वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम के तहत 4.99 करोड़ में से 0.50 करोड़ जारी किए गए हैं इसी तरह वर्ष 2016-17 में कुमाऊं क्षेत्र में विरासत परिपथ के लिए कटारमल जागेश्वर बैजनाथ देवीधूरा का एकीकृत विकास के लिए 76.32 करोड़ में से 68.91 करोड़ जारी किए गए हैं इसी प्रकार 2015-16 में एक परिपथ के लिए टिहरी झील के निकटवर्ती क्षेत्रों में पर्यटन एडवेंचर स्पोर्ट्स संबंधित गतिविधियों के विकास के लिए 59.7 करोड़ में से 59.7 करोड़ पूरे जारी किए गए हैं।।

भट्ट के प्रश्न के जवाब में केंद्रीय पर्यटन मंत्री ने बताया कि अब तक देश के हिमालय राज्यों में पर्यटन सर्किट के विकास के लिए कुल 1726.74 करोड रुपए आवंटित किए गए हैं जिसमें से 1200.46 करोड रुपए जारी कर दिए गए हैं।

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