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इंग्लैंड से दुबई तक गूंजा भारत का दमखम: मुक्केबाजी में बेटियों का स्वर्ण

इंग्लैंड-दुबई में जीत का लहराया तिरंगा, देश में खुशियां: मुक्केबाजी रिंग से क्रिकेट के मैदान तक भारत का परचम

बेटियों के गोल्डन पंच ने विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप में देश की जय-जयकार करा दी। इंग्लैंड में 57 किलो भार वर्ग में जैस्मिन लंबोरिया और 48 किलो भारवर्ग में मीनाक्षी हुड्डा ने देश को स्वर्ण पदक दिलाकर इतिहास रच दिया। दोनों पहली बार विश्व चैंपियन बनीं हैं। इनसे पहले देश की आठ और महिला मुक्केबाज विश्व चैंपियन रह चुकी हैं। सेना में नायब सूबेदार जैस्मिन राष्ट्रमंडल खेलों में कांस्य पदक जीत चुकी हैं।

विश्व चैंपियनशिप में छाईं बेटियां
बेटियों ने विश्व चैंपियनशिप में चार पदक दिलाए। 80+ किलो भारवर्ग में नूपुर श्योराण ने रजत और 80 किलो भार वर्ग में 34 वर्षीय पूजा रानी ने कांस्य पदक जीता। चारों चैंपियन बेटियां हरियाणा की हैं। पूजा को सेमीफाइनल में इंग्लैंड की एमिली एसक्विथ के हाथों 1-4 से पराजय मिली।

भारत को मिले दो स्वर्ण पदक
मीनाक्षी ने फाइनल मुकाबले में पेरिस ओलंपिक की कांस्य विजेता कजाखस्तान की नाजिम किजाईबे को 4-1 से और जैस्मिन ने पोलैंड की पेरिस ओलंपिक की रजत पदक विजेता जूलिया स्जेरमेटा को 4-1 के ही अंतर से हराया। अपनी तीसरी विश्व चैंपियनशिप में 24 वर्षीय जैस्मिन को जूलिया ने पहले दौर में कड़ी टक्कर दी। जूलिया के नाम यह दौर 2-3 से रहा, पर दूसरे और तीसरे दौर में जैस्मिन ने जबरदस्त वापसी कर सोना जीत लिया। भारत ने इस चैंपियनशिप में दो स्वर्ण, एक रजत और एक कांस्य जीता। पुरुषों को 12 साल बाद इस चैंपियनशिप में कोई पदक नहीं मिला। मीनाक्षी विश्व चैंपियनशिप में स्वर्ण जीतने वाली 10वीं बेटी बनीं।

दुबई में लहराया तिरंगा
इंग्लैंड में तो तिरंगा लहराया ही, दुबई में एशिया कप क्रिकेट मुकाबले में भारत ने पाकिस्तान को ग्रुप स्टेज के मुकाबले में सात विकेट से हराकर जीत का जश्न और दोगुना कर दिया। भारतीय गेंदबाजों ने पहले पाकिस्तान को सिर्फ 127 रन पर रोका और फिर 15.5 ओवर में लक्ष्य का पीछा कर लिया। इस जीत के साथ भारत सुपर-4 में पहुंचने वाली लगभग पक्की टीम बन गई है।

अब तक देश की 10 बेटियां मुक्केबाजी में विश्व चैंपियन
मैरी कॉम (2002, 2005, 2006, 2008, 2010, 2018)
निकहत जरीन (2022, 2023)
सरिता देवी (2006)
आरएल जेनी (2006)
केसी लेखा (2006)
नीतू (2023)
लवलीना (2023)
स्वीटी बूरा (2023)
जैस्मिन (2025)
मीनाक्षी (2025)
नूपुर स्वर्ण से चूकीं
1966 और 1970 के एशियाई खेलों में स्वर्ण जीतने वाले हवा सिंह की पोती नूपुर को फाइनल में पोलैंड की अगाथा काज्मार्स्का के हाथों करीबी मुकाबले में 2-3 से हार मिली।

दिल्ली में जीते 4 स्वर्ण

पिछली विश्व चैंपियनशिप वर्ष 2023 में दिल्ली में हुई थी। तब निकहत जरीन, नीतू, लवलीना और स्वीटी बूरा ने चार स्वर्ण जीते थे। तब जैस्मिन क्वार्टर फाइनल में बाहर हो गई थीं।

‘आपका प्रदर्शन प्रेरणादाई’
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर मुक्केबाजों को बधाई दी। पीएम ने लिखा, ‘विश्व चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतने पर जैस्मिन और मीनाक्षी को बधाई। आपका प्रदर्शन आने वाले समय में कई खिलाड़ियों के लिए प्रेरणा बनेगा।’

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