संवादाता : विनय उनियाल,
देहरादून : हर साल की तरह, इस वर्ष भी गौचर में 72वें राजकीय औद्योगिक विकास एवं सांस्कृतिक गौचर मेले का आयोजन 14 नवंबर से होने जा रहा है। इस मेले के आयोजन को लेकर सुरक्षा व्यवस्था और अन्य तैयारियों की जिम्मेदारी लेते हुए, पुलिस अधीक्षक चमोली, श्री सर्वेश पंवार ने आज मेला मैदान का निरीक्षण किया। उन्होंने सुरक्षा उपायों की समीक्षा करने के साथ-साथ संबंधित अधिकारियों को जरूरी दिशा-निर्देश दिए।
इस मेले में भाग लेने वाले हजारों लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं। पुलिस अधीक्षक ने मेला स्थल को तीन जोन में विभाजित करने का निर्णय लिया है, जिससे भीड़ को नियंत्रित करना और कानून व्यवस्था बनाए रखना संभव हो सके।
मुख्य सुरक्षा उपायों में शामिल हैं:
मेले की संरचना: मेला मैदान को तीन अलग-अलग सुरक्षा जोनों में विभाजित किया गया है, जिससे हर क्षेत्र में निगरानी और नियंत्रण आसान होगा।
अस्थायी थाना/चौकियां: मेला थाना के अंतर्गत तीन अस्थायी चौकियों की स्थापना की गई है ताकि आवश्यक समय पर उचित कार्रवाई की जा सके।
खोया-पाया केंद्र: किसी भी वस्तु या व्यक्ति के गुम होने की स्थिति में सहायता के लिए खोया-पाया केंद्र स्थापित किया गया है।
अनाउंसमेंट सिस्टम: मेले में होने वाली गतिविधियों और सुरक्षा चेतावनियों के लिए अनाउंसमेंट सिस्टम की व्यवस्था की गई है।
कंट्रोल रुम: मेले की सुरक्षा और व्यवस्था के लिए एक कंट्रोल रूम स्थापित किया गया है, जहां से सभी उपायों की निगरानी की जाएगी।
सीसीटीवी कैमरे: मेला मैदान में 40 और बाजार में 36 सीसीटीवी कैमरों के माध्यम से दिन-रात निगरानी की जाएगी, जिससे किसी भी आपात स्थिति पर तुरंत प्रतिक्रिया दी जा सके।
यातायात प्रबंधन: मेले के दौरान यातायात व्यवस्था को सुचारू बनाए रखने के लिए एक विशेष यातायात योजना बनाई गई है। जिससे सुरक्षित यातायात प्रवाह सुनिश्चित किया जाएगा।
पार्किंग की व्यवस्था: पार्किंग के लिए भट्टनगर, मेघा कंपनी मैदान, बंदरखंड, और डाट पुलिया के आसपास स्थान निर्धारित किए गए हैं। दुपहिया वाहनों के लिए आदर्श प्राथमिक विद्यालय तथा राजकीय इंटर कॉलेज गौचर में पार्किंग उपलब्ध होगी व मुख्य बाजार नो पार्किंग जोन रहेगा।
आपातकालीन सेवाएं: मेला मैदान में फायर टेंडर की व्यवस्था सुनिश्चित की गई है ताकि किसी भी अनहोनी स्थिति में त्वरित कार्रवाई की जा सके।
विशेष टीम का गठन: जेब कतरों और अन्य आपराधिक घटनाओं के प्रति सतर्क रहने के लिए विशेष टीमों का गठन किया गया है।
ड्रोन निगरानी: मेले के मैदान की स्थिति को लगातार मॉनिटर करने के लिए ड्रोन का उपयोग किया जाएगा, जिससे विशाल भीड़ के बीच सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
पुलिस बल की आवास व्यवस्था: मेला ड्यूटी हेतु आने वाले पुलिस बल की आवासीय व्यवस्था हेतु चौकी इंचार्ज गौचर को समय से व्यवस्था पूर्ण करने हेतु निर्देशित किया गया।
इन सभी सुरक्षा उपायों के माध्यम से, पुलिस प्रशासन ने मेले की सुरक्षा को सुनिश्चित करने का संकल्प लिया है। मेले में आने वाले सभी आगंतुकों से भी अपील की गई है कि वे अपनी सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए, किसी भी संदिग्ध गतिविधि की जानकारी तुरंत प्रदान करें।
पुलिस अधीक्षक सर्वेश पंवार ने कहा कि “मेले में आने वाले सभी लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करना पुलिस प्रशासन की सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने लोगों से अपील की है कि वे मेले के दौरान सुरक्षा संबंधी दिशानिर्देशों का पालन करें और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना पुलिस को दें।”
गौचर का यह मेला सांस्कृतिक और औद्योगिक विकास का प्रतीक है। पुलिस प्रशासन की कड़ी मेहनत और तैयारियों के चलते, इस मेले का आयोजन सफल और सुरक्षित होने की पूरी उम्मीद है।